HPV या ह्यूमन पैपिलोमा वायरस यह एक सेक्सुअली ट्रांसमिट होने वाला वायरस है ये रोग संक्रमण से होता है ज्यतादर इस रोग के लक्षण पूरी तरह से सामने नहीं आते है और ये रोग 6 से 10 महीने में खुद ही ठीक हो जाता है लेकिन कई बार इसके लक्षण सामने आकर उभर आते है जिसमे कई बार हल्के पीले या गुलाबी रंग के मस्से भी निकल आते है ये मस्से योनि, गुदा या फिर वल्वा पर निकलते है इन मस्सो में दर्द नहीं होता है लेकिन जलन हो सकती है या खून निकल सकता है ये मस्से ज्यादातर मामलो में एक या दो महीने में खुद ही ठीक हो जाते है इस रोग का कोई सीधा असर तो होता नहीं है लेकिन कुछ प्रेग्नेंट महिलाओ में ये मस्से अधिक उभर आते है अगर ये मस्से खुद ठीक ने हो तो आप डॉक्टर से सलाह लेने में देर न करे डॉक्टर इन मस्सो को फ्रीजिंग, इलेक्ट्रिक या लेज़र थेरेपी के माध्यम से हटा देंगे, कई बार इनके ट्रीटमेंट को डिलीवरी होने तक टाला भी जा सकता है यदि आपको भी HPV है तो आपके डॉक्टर को सर्वाइकल सैल की भी जाँच करनी होगी हो सकता है कि बायोप्सी करनी पड़े लेकिन इसे डिलीवरी होने तक टालना पड़ेगा, HPV इन्फेक्शन के द्वारा होने वाली बीमारी है इससे बचने के लिए किसी एक ही साथी के साथ सुरक्षित सेक्स करे तो ही बहतर होगा, जिन महिलाओ की आयु 26 साल से कम है उनके लिए इस रोग का वेक्सिन भी उपलब्ध है लेकिन प्रेगनेंसी के दोरान इस वेक्सिन का प्रयोग नहीं किया जा सकता है और यदि आप वेक्सिन शरू करने के बाद प्रेग्नेंट हुई है तो आपको इसे डिलीवरी होने तक बन्द करना होगा अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर की राय ले तो बहतर रहेगा अगर आपको हमारी ये पोस्ट पसंद आयी हो तो इस लाइक करना ने भूले और किसी भी प्रकार के जानकारी के लिए आप comment box में लिखे।
HPV का प्रेगनेंसी पर प्रभाव - Effects of HPV on Pregnancy
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Patwariya
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