आज हम हर्पीज रोग के बारे में बात करेंगे यदि आपको भी अनुवांशिक हर्पीज रोग है और इस स्तिथि में आप प्रेग्नेंट हो जाती है तो भी घबराने की कोई बात नहीं है अगर आपको हर्पीज रोग है तो आपको अपनी प्रेगनेंसी में काफी सावधानी बरतनी होगी हर्पीज होना कोई ज्यादा बड़े खतरे की बात नहीं है बस आप और आपका डॉक्टर यदि थोड़ी सावधानी बरतेगे तो आपकी प्रेगनेंसी और और डिलीवरी में कोई भी दिक्कत नहीं होगी और आपका बच्चा भी स्वस्थ रहेगा, अगर आपको हर्पीज है तो 1% ही सम्भावन है कि आपको बच्चे को भी ये रोग हो, ये बहुत ही कम होता है कि माँ का इन्फेक्शन बच्चे को भी हो जाये, हाँ ऐसा हो सकते है की पहली तिमाही में मिस्केरिज होने या फिर प्रीमेच्च्योर डिलीवरी होने का खतरा हो सकता है लेकिन ऐसा होने के चांस भी बहुत ही कम होते है आज कल नवजात बच्चे में ऐसा होने का खतरा बहुत ही कम होता है अच्छी देखभाल और ट्रीटमेंट के द्वारा इससे बचा जा सकता है हर्पीज रोग से शिशु को बचने के लिए इस रोग से ग्रस्त माओं को एंटीवायरल दवा दी जाती है यदि बच्चे को भी ये रोग हो जाता है तो उन्हें भी ये दवा दी जाती है यदि डिलीवरी के बाद भी माँ को ये रोग रहता है तो भी घबराने की कोई बात नहीं है इसके लिए कुछ अपेक्षित सावधानी के बाद माँ अपने बच्चे को अपना दूध पिला सकती है अगर आपको भी ये रोग है तो आपको जल्द से जल्द अपने डॉक्टर से इसके बारे में सलहा लेनी चाहिए और आपेक्षित सावधानियां बरतनी चाहिए.
आज हम हर्पीज रोग के बारे में बात करेंगे यदि आपको भी अनुवांशिक हर्पीज रोग है और इस स्तिथि में आप प्रेग्नेंट हो जाती है तो भी घबराने की कोई बात नहीं है अगर आपको हर्पीज रोग है तो आपको अपनी प्रेगनेंसी में काफी सावधानी बरतनी होगी हर्पीज होना कोई ज्यादा बड़े खतरे की बात नहीं है बस आप और आपका डॉक्टर यदि थोड़ी सावधानी बरतेगे तो आपकी प्रेगनेंसी और और डिलीवरी में कोई भी दिक्कत नहीं होगी और आपका बच्चा भी स्वस्थ रहेगा, अगर आपको हर्पीज है तो 1% ही सम्भावन है कि आपको बच्चे को भी ये रोग हो, ये बहुत ही कम होता है कि माँ का इन्फेक्शन बच्चे को भी हो जाये, हाँ ऐसा हो सकते है की पहली तिमाही में मिस्केरिज होने या फिर प्रीमेच्च्योर डिलीवरी होने का खतरा हो सकता है लेकिन ऐसा होने के चांस भी बहुत ही कम होते है आज कल नवजात बच्चे में ऐसा होने का खतरा बहुत ही कम होता है अच्छी देखभाल और ट्रीटमेंट के द्वारा इससे बचा जा सकता है हर्पीज रोग से शिशु को बचने के लिए इस रोग से ग्रस्त माओं को एंटीवायरल दवा दी जाती है यदि बच्चे को भी ये रोग हो जाता है तो उन्हें भी ये दवा दी जाती है यदि डिलीवरी के बाद भी माँ को ये रोग रहता है तो भी घबराने की कोई बात नहीं है इसके लिए कुछ अपेक्षित सावधानी के बाद माँ अपने बच्चे को अपना दूध पिला सकती है अगर आपको भी ये रोग है तो आपको जल्द से जल्द अपने डॉक्टर से इसके बारे में सलहा लेनी चाहिए और आपेक्षित सावधानियां बरतनी चाहिए.
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